बेरोजगारी
बेरोजगारी
आज देश का युवा हमारे,
घूम रहा बेकार।
महंगाई इस तरह बढी सब,
दिखते है लाचार।
सीमित साधन हुए बढी है,
आबादी अति भारी।
जंगल कटे पटी नदियां,
है ह्रास सदा ही जारी।
मांग बढी उत्पाद घटा,
आपाधापी हो गई शुरू।
अति निम्न हुआ जीवन,
जन का जीना हुआ दुरूह।
सब युवा आज अच्छी पदवी,
पा शीघ्र चाहते हो कुबेर।
व्यवसायिक शिक्षा लागू हो,
सुधरे जीवन ना हुई देर।
अपनी मेहनत का कर प्रयोग
सम्पन्न सुखी बनना होगा।
हमसे ही होगा राष्ट्र सबल,
जीवन मे आए नव हिलोर।