बदलता बर्ष
बदलता बर्ष
बदलते बर्ष में तू बदलती पहचान बन जा,
छोड़ हैवानियत को बस एक सच्चा इंसान बन जा।
पढ़, लिख ले अच्छी बातें इस तरह कि सीख ऐसी मिले
तू अच्छा विद्वान वन जा।
छोड़ दे चुगली, धोखा, फरेब करना, सीख कर सच्चाई,
ईमानदारी अच्छे कर्मों की पहचान बन जा।
कर सदा प्यार अपने वतन से, तन मन से
कर सेवा ऐसी की अपने वतन की शान बन जा
न सता कभी किसी दुर्बल, गरीब को, बुढ़े, जवान,
बच्चे की तू मुस्कान बन जा।
कर ले प्रण नये बर्ष में यही सुदर्शन, छोड़ कर सभी गिले शिकवे,
अपना कर भाईचारा सभी से तू एक नेक इंसान बन जा।