बड़ी सीख
बड़ी सीख
मुर्दे को जलते देख के,
कुछ ज्ञान होता है।
वो ज्ञान यदि तुम धार लो,
कल्याण होता है।।
सत्य वही जो देख के आए,
बहुधा होता है।
जाना सबको है वहां,
कोई पीछा होता है।।
धन माया ना साथ में जाती,
जाता रीता है।
उमर गुजारी हाय-हाय कर,
अब क्यों रोता है।।
ज्ञान सही मरघट से मिलता,
अब तू चेता है।
जग के अब तू रहना जग में,
नहीं फिर फिरता है।।
आत्म ज्ञान को जो पा जाए,
फिर ना मरता है।
सत्य की राह पे चल के मानव,
प्रभु से मिलता है।।
