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Vidya Sangwan

Tragedy

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Vidya Sangwan

Tragedy

बारिश तो अब भी बारिश है

बारिश तो अब भी बारिश है

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कल हम भी बारिश में छपाके  

लगाया करते थे .....

आज इसी बारिश में कीटाणुु

देखना सीख गए।

कल बेफिक्र थे हम कि.....

मां क्या कहेगी 

आज बारिश में मोबाइल बचाना

सीख गए।।

कल दुआ करते थे कि बरसे

बेहिसाब तो छुट्टी हो जाए......

अब डरतेे हैं कि रुके यह बारिश

कहीं ड्यूटी न छूट जाए।।

किसने कहा नहीं आती वह बचपन

वाली बारिश........

हम खुद अब कागज की नाव

बनाना भूल गए।

बारिश तो अब भी बारिश है

हम अपना जमाना भूल गए।



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