एक औरत के जीवन की सच्चाई
एक औरत के जीवन की सच्चाई
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कभी -कभी लगता है
औरत होना एक सजा है।
ना पढ़े तो अनपढ़ जाहिल है।
और पढ़ ले तो पढ़ाई का घमंड है।
शादी ना करें बदचलन नकचड़ी है।
और कर ले तो अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे ।
सब से मिलकर रहे तो चालाक
मिलकर ना रहे तो घमंडी।
पढ़ लिख कर घर में रहे तो क्यों
इतने साल और पैसे क्यों खोए?
कोई नौकरी करो तो 'पर' निकल आए हैं।
नौकरी का घमंड है
सहकर्मी से बात करें तो चलता पुर्जा
और ना करें तो छोटी सोच वाली
बड़ा लंबा चिट्ठा है साहब!
क्या कहे? चुप ही रहे।।