बारिश की यह बूंदे
बारिश की यह बूंदे
बारिश की यह बूंदे
बस गिरे जा रही हैं
दिल के आग को सीए जा रही हैं
रो हम रहे हैं यहां
पढ़ सभी अनजान हैं
बारिश मै आंसू खो जा रहे हैं
सब बोलते हैं
सुनता कोई नहीं
बोझ जो दिल मै हैं
ढोए जा रहे हैं
क्या सही क्या गलत कौन समझाए
घर की याद बहुत आती है
पढ़ वोह रास्ता कब बंद हो चुकी हैं
सपनो का शहर
सपने टूटे तोह साथ कोई नहीं रहा
साला यह गम काहे कम नहीं होता हैं
बस हम गॉसिप बने रहे
एक अच्छे खासे इंसान को तुम लोगों ने तोड़ दिया
अपने इमोशंस झिपाए ऐसे घूमते हो जैसे मशीन हो
यह कैसी जिंदगी जिए जा रहे हो
जिनमे पैसे सब हैं और जश्न के लिए लोग नहीं
जो तेरे सफलता पे साथ हैं.