बाल -विवाह एवं दहेज प्रथा
बाल -विवाह एवं दहेज प्रथा


बाल-विवाह एवं दहेज प्रथा समाज की है अभिशाप,
मिलकर हमें है दूर करना समाज से ये पाप।
कम उम्र में शादी करना जीवन की बर्बादी है,
बिना निर्धारित तय उम्र में ये सोचना भी शर्मशार है।
दहेज के खातिर कितने ने बहुओं को खूब सताया,
कितने ने मानवीयता की सीमा लांघकर जिंदा उसे जलाया।
बहू को भी बेटी हमारे समाज को लेना पड़गा मान,
तभी मिलेगा इस घृणित कुकृत्य से निदान।
जागरूकता का अलख जगाकर
इस कुप्रथा को समाज से है मिटाना,
बाल- विवाह और दहेज प्रथा को
समाज से है दूर भगाना।
बाल- विवाह दहेज प्रथा समाज की है
अभिशाप मिलकर हमें है दूर करना समाज से पाप।।