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Dr.rekha Saini

Tragedy Inspirational

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Dr.rekha Saini

Tragedy Inspirational

औरत की कहानी

औरत की कहानी

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एक औरत की कहानी 

औरत की जुबानी

आंखों में दरिया बेबस जवानी

कभी खुलकर हँस ना सकी

चुप रहकर कहना सकी। 

हाथों में मेहंदी गालों पे लाली

पैरो में पायल कानों में बाली 

बंधकर इनमें रह गई दीवानी

ना आँसू अपने न प्रीत अपनी

ना मीत अपना ना जीत अपनी 

ना आसमां है अपना ना जमीं है अपनी 

ना अरमां अपने ना चाहत है अपनी

बस ज़हन है अपना कमी है अपनी

बस यही  कहानी 

औरत की जुबानी।।


                         


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