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Dr.rekha Saini

Action

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Dr.rekha Saini

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इंसाफ

इंसाफ

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हर औरत क्यों आज इंसाफ की वेदी पर अकेली खड़ी है ? 

इस पुरुष प्रधान समाज से औरत क्यों हर बार खुद ही लड़ी है ?


दामिनी, निर्भया के तप्त हृदय से आज चित्कार फिर उठी है। 

माना गांधारी बना कानून पर जनता ने क्यों पुकार नहीं सुनी है ? 


क्यों बलात्कार, एसिड अटैक के केसो की फाइले अटकी पड़ी है ?

क्यों समाज में दरिंदों को खुला घूमने की छूट मिलती जा रही है ? 


लटका दो फाँसी पर उन दरिंदों को जिनके कारण ये

नाबालिक अबोध बालाएं आज जिंदा लाश बन गई हैं।


दो उन पैशाचिक वृत्ति मानवों को सजा-ए-मौत जिनके कारण

आई दुर्भाग्यपूर्ण, अवांछित, अमानवीय दुखद ये घड़ी है।


क्यूँ माँगना पड़ रहा इंसानों को इंसानों से इंसाफ है ?

जब इंसान ही इंसानियत के लिए बना अभिशाप है।

 

जब तलक अत्याचार ये क्रूर व्यवहार बंद नहीं होंगे। 

तब तलक नारी विमर्श के मुद्दे भी खत्म नहीं होंगे। 


आज नारी- पुरुष समानता के नाम पर लिखे कोरे आदेश है। 

हर घर आज भी नारी के लिए केवल बना हुआ परदेस है।


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