ॐ पर्वत
ॐ पर्वत
कैलाश मानसरोवर पथ पर
नाभीडांग पिथौरागढ़ से,
ओम पर्वत का दर्शन अभिराम
हुआ नयन पथ गोचर अविराम ।
प्रकृति की माया अद्भुत
हिम से गिरि पर लिख डाला ॐ,
चन्द्र बिन्दु में स्वयं उपस्थित
भव्य चंद्रमा हुआ छविमान।
कैलाश मानसरोवर देवों की भूमि
नीलकंठ लावण्य निधि का वास जहाँ,
जटा मुकुट सुरसरित सीस पर
बालविधु शोभित ललाट पर।
प्रकृति का अनुपम दृश्य
देख हृदय नमित ईश हित,
वे हैं असीम शक्ति पुंज
चाहे उन्हें दो कुछ नाम।