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Rajnishree Bedi

Romance

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Rajnishree Bedi

Romance

अटूट प्यार

अटूट प्यार

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लफ्ज़ मेरे हो, राग तेरी हो,

मेरे जज़्बात, बात तेरी हो।


बुला ले, ख़ुदा को धरती पर,

ऐसी ज़िद, तेरी और मेरी हो।


सफर पर निकले, हमसफ़र

बनकर,

धूप मेरी हो, छाँव तेरी हो।


मौत और ज़िन्दगी की बाज़ी में,

शह तेरी हो, मात मेरी हो।


मिल जाए गर, शौहरतें मुझ को,

महफिले शान में, साख तेरी हो।


जिस्म दो और रूह इक बनकर,

नाम मेरा हो और जात तेरी हो।



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