अटल
अटल
विराट व्यकितत्व(अटल)
अवतरित पच्चीस दिसम्बर
ग्वालियर में अद्भुत व्यक्तित्व
हिमालय जैसा विराट,
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के
संस्थापक, प्रचारक।
हिन्दी व ब्रज भाषा के कवि
राष्ट्रीय भावनाओं से ओत प्रोत
पत्र-पत्रिकाओं के संपादक
ओजस्वी भाषण सुन किया
नेहरू ने भविष्य तय
बताया 'भविष्य का प्रधानमंत्री'
जिसे सच कर दिखाया 'अटल ' ने
'दुर्गा' इंदिरा को बताया
किन्तु विरोध आपातकाल
का जताया।
बने संयुक्त राष्ट्र में हिंदी
में भाषण
देने वाले प्रथम वक्ता।
समभाव जनता में देखा
संग-संग राजनीति में भी।
न था कोई शत्रु और न
कोई मीत भी।
इसीलिए हैं 'अटल' अटल,
कबीर की भाँति माँगे खैर
अटल सदैव अटल रहे
'न काहू से दोस्ती,न काहू से बैर'