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Rupesh Kumar

Romance

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Rupesh Kumar

Romance

अस्तित्व

अस्तित्व

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अस्तित्व क्या ?

तेरे जीवन में मेरा !!

एहसास तुझे भी हुआ ,

और मुझे भी ,

शायद हम दोनों को !

प्यार था हमारे बीच ,

या कुछ और !!

जो भी था ,

वो कहाँ गुम हुआ ?

तुम बदल गयी ,

या वक्त !!

क्या शिकवा करुँ तुमसे ,

वक्त ही ,

अपना नही ,

वरना तुम मुझसे ,

कभी दूर न होती !

और ,

हम यूं मजबूर न होते !

               


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