अर्जुन बन के दिखा
अर्जुन बन के दिखा


अपने रण के विजेता खुद बनो
क्योंकि अब कृष्ण जन्म नहीं लेते
हर कदम पे शकुनि हैं यहाँ
अब सच्चे सारथी नहीं मिलते
कहने से कुछ होता नहीं है
हासिल
कर के दिखाओ साथी..
अभिमन्यु नहीं अर्जुन बन
कर दिखाओ..
जो रचे हैं, इर्द -गिर्द तेरे चर्कव्यूह
उन्हें तू भेद के दिखा...