अपना उजाला
अपना उजाला
कहीं भूखे-बिलखते बच्चों को,
वह अपना निवाला देता है।
कहीं तम में घिरे मुसाफ़िर को,
वह अपना उजाला देता है।
वर्चस्व है क़ायम दुनिया पर
'हरि' नाम से गूँजे धरती गगन।
जहाँ चीर कम पड़े नारी का,
वह अपना दु:शाला देता है।
कहीं भूखे-बिलखते बच्चों को,
वह अपना निवाला देता है।
कहीं तम में घिरे मुसाफ़िर को,
वह अपना उजाला देता है।
वर्चस्व है क़ायम दुनिया पर
'हरि' नाम से गूँजे धरती गगन।
जहाँ चीर कम पड़े नारी का,
वह अपना दु:शाला देता है।