STORYMIRROR

Amit Kumar

Inspirational

4  

Amit Kumar

Inspirational

अनुभूति

अनुभूति

1 min
328

जब विफल हो जाता है ज्ञान

और जीत जाता है अभिमान

तब ज़िद कड़ी हो जाती है

हर बात पर अडी सी हो जाती है

उनका इनका और जाने किनका

पद मान सम्मान और स्वाभिमान की

मानो झडी सी हो जाती है

सुख दुःख में बदलने लगता है

जब अनुभूति विभूति सी हो जाती है

रिश्तों मे कुछ रिसने लगता है

मानो भाव की एहमीयत

कहीं खो सी जाती है

वो देव है और हम दानव

बस एक यही याद रहता है

दिल दिमाग के बस मे रहता है

हर फक़ीर यही बस कहता है

तुम तुम न रहो

मैं मैं न रहूं

आओ मिलकर हम हो जाये

मिलकर के कुछ हो जाये

और यह अपवाद कहीं सब खो जाये......।

               


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational