अनोखी रत्न.......बेटियाँ
अनोखी रत्न.......बेटियाँ
मत मारो मुझे, जीवन दे दो,
मुझको भी देखने दो संसार।
मत ज़ुल्म करो यूँ, कोख में,
एक बार मुझे मौका दे दो।
मत बहाओ आँसुओ की गंगा, मेरे जन्म पर,
मैं सबको ख़ुश, करके जाऊंगी।
मत चिंतित हो, मेरे भविष्य को लेकर,
मैं खुद अपना भविष्य बना लूँगी।
तोड़कर ये अंधविश्वासों की बेड़ियाँ,
मुझे एक बार स्वतन्त्र कर दो।
बिन मेरे भैया की सुनी कलाई पर,
राखी कौन बाँधेगा ? माँ।
करते जाओगे ज़ुल्म इस तरह दिनोदिन,
फिर भैया के लिए, बहू कहाँ से लाओगे ?
एक बार मुझे मौका दे दो,
मैं आसमान छू जाऊँगी,
मैं आसमान छू जाऊंगी।