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Kavita Yadav

Romance

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Kavita Yadav

Romance

अनजान सफर उसका था

अनजान सफर उसका था

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अनजान सफर उसका था

अनजान सफर मेरा भी था

ना में रुकी सफर में

ना रुका कोई और


पिछले सारे दर्द भुला कर

अगले सारे साथ आ जाये

सफर चाहे केसा भी हो

हमको अपने साथ मिला ले


पतझड़ आकर चला गया

नई - नई खुशियां हमसे मिले

उम्मीद ये अपनी

मन मे लगा कर

अनजान सफर यू बीत चला


अनजान सफर उसका था

अनजान सफर मेरा भी था


कभी नही हम उसको भूले

जिसने मेरे दर्द में भी

साथ दिया है दिल से मेरा

ऐसा साथी सबको मिले।


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