बीती रात कमल दल फुले
बीती रात कमल दल फुले
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उठो लाल अब आँखें खोलो
बीती रात कमल दल फूले
नही कोई ये बात पुरानी
बचपन के है ऐसे खेले
उठ के सूरज सब से बोले
जागो तुमसे हम है पहले
नहीं करो कोई आलस अब तुम
क्यों नही बिस्तर अब तक छोड़े
छोटी -छोटी प्यारी सी,
इस ठंडी हवा में!
क्यों नही अब तक,
तुम सरगम घोलें।
करो तुम उठ कर कसरत यू
समझो स्फूर्ति, पा ले पहले।
उठो लाल अब आँखें खोले
बीती रात कमलदल फूले।।
