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Kavita Yadav

Abstract

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Kavita Yadav

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अनकहे रिश्ते

अनकहे रिश्ते

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अनकहे रिश्ते कितने अजीब होते हैं

साथ नहीं अपने पर, दिल के करीब होते हैं।


इन रिश्तों का कोई ! नाम नहीं होता है

कब बन जाये इसका, पता भी नहीं होता है।


इन रिश्तों की कोई, उम्र ना कोई कोई खता है

ये नन्हे बच्चे के रूप में या अपने दोस्त के रूप में।


रूप की ना कोई बात करे कुछ दिल से भी निभाये जाएं

ऐसे रिश्ते मिलते कहाँ है, ऐसे रिश्ते अनकहे रिश्ते।


दर्द में दुख में साथ दे जो वो होते हैं अपने ओर

ऐसे रिश्ते दिल के रिश्ते कहते हैं हम इसे अनकहे रिश्ते।


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