अनहोनी में एक होनी
अनहोनी में एक होनी
एक अनहोनी में है एक होनी
उस होनी के साक्ष्य तुम हो
तब भी कहते रहते तुम हो
उस अनहोनी में क्या होनी है ?
जगत बनाने वाले को ही तुम
कल्पना का आदर्श कहते हो
तो क्यों न तुम यह मान रहे हो
तुम भी एक दिन कल्पना का
हिस्सा होने वाले हो !
अपने अंदर जाग गए तो
तब तुम शायद समझ जाओगे
पूरा ब्रह्मांड एक होनी है
अनहोनी में ही जीवन है
और जीवन भी एक अनहोनी है !
निरंकार ही एक सत्य है
या यूँ कह लो तुम
एक सत्य ही निरंकार हैं
अनहोनी ही एक होनी है
या एक होनी ही अनहोनी है !
