अंधेरा
अंधेरा
अंधेरा,रौशनी का अभाव भर नहीं है
ये तो एक कहावत है कि
रौशनी का अभाव है अंधेरा।
सुना था पूरी कायनात ही
निर्मित हो रही है अंधेरे से
अंधेरे में भी,और उससे बाहर निकलकर भी।
रौशनी का अभाव भर नहीं है अंधेरा
विचार भी विकिरित करते हैं अंधेरा,
रौशनी में भी अंधेरे की कमी कहाँ है
देख के न देखना अंधेरा ही तो है
आंख बंद कर लें अँधेरा ही तो है
स्वार्थ में डूब जाएं अंधेरा ही तो है
आदमी को आदमी न समझें अंधेरा ही तो है
अपनी जिम्मेदारियां न निभाएं अंधेरा ही तो है
प्रेम करना भूल जायें अंधेरा ही तो है
नफरत करना सीख लें अंधेरा ही तो है
विफलता या हार अंधेरा ही तो है।
रौशनी का अभाव भर नहीं है अंधेरा
फर्क नहीं है अंधेरे और रौशनी में
रौशनी के गर्भ में अंधेरा ही तो है
अंधेरे के पेट से ही तो निकली है रौशनी।
अपनी अनुपस्थिति है सबसे घना अंधेरा
और उस्थिति से रोशन है रौशनी।