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Nand Lal Mani Tripathi pitamber

Tragedy Inspirational

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Nand Lal Mani Tripathi pitamber

Tragedy Inspirational

अंधे कि लाठी

अंधे कि लाठी

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अंधे कि लाठी--


ज़ब छोड़ देते 

अपने साथ आदमी अंधा 

हो जाता रहते दो आँख!!


निरोगी काया सतायु

जीवन बोझ जैसे

बिन आँख!! 


पल प्रहर जीवन

समाज में चलती

जिंदगी दोस्त रिश्ते 

नाते जैसे दो आँख!!


चाहे नेह स्नेह संबंध

छोड़ देते साथ 

काया संग ना हो 

सहीसलामत दो आँख 

दोनों ही अंधे 

दोनों को लाठी

कि दरकार!!


उठाने के लिए खुद का

बोझ लाठी हाथ का साथ!!


ढलता यौवन काया 

कमजोर छोड़ती साथ 

जिंदगी को सहारा 

हाथ साथ!!


अंधे को क्या चाहिए 

लाठी का रिश्ता साथ

जीवन पथ हो या मोक्ष

मार्ग!!


लाठी अंधे कि बनती

मूक सार्थक साथ!!


अंधा आंख का 

सहारा लाठी समाज 

प्रेम सनमान सदभाव 

निर्विकार इंसान 

इंसानियत जज्वा 

जज़्बात अंधे कि लाठी 

सच्चाई साथ!!


नन्दलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर गोरखपुर उत्तर प्रदेश!!


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