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Mr. Akabar Pinjari

Inspirational

5.0  

Mr. Akabar Pinjari

Inspirational

अमृत का प्याला

अमृत का प्याला

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जिसने सज़ा में भी अपनी रज़ा मांगी,

बेवफ़ाई में हमारी वफ़ा की दुआ मांगी,

चार अक्षर क्या लिख पाएंगे उनकी कहानी,

जिन्होंने बच्चों के ख़ातिर, अपनी जवानी मांगी।


जिंदगी की कशमकश में चाहे पीछे पड़ गए,

पर पीछे ना पड़े औलाद, ये ज़िद पर अड़ गए,

सुनकर ताने तमाम हालात-ए-जिंदगी के,

लाखों की भीड़ से भी, अकेले लड़ गए।


लौटकर ख़ुशियों का जहां भर दूँ,

खुश हो जाए कुछ ऐसा कर दूँ,

नूर से रौशन हो चेहरा उनका,

हरदम ख़ुशियों की बारिश कर दूँ।


मेरी आँखों में अपने ख़्वाब देखते हैं, 

वे आफ़त नहीं, जज्बात देखते हैं,

वे बंदिश नहीं, फरियाद देखते हैं,

अपने परिंदों को, आज़ाद देखते हैं।


तहलका नहीं हकीक़त होगी,

वह मोहब्बत नहीं इबादत होगी,

उनकी मुस्कुराहट मेरे लिए,

दुनिया में ही जन्नत होगी।


माँ की ममता प्यारी है,

बाप का प्यार निराला है,

देखो बच्चों यह मत भूलो,

ये दोनों अमृत का प्याला है।


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