अकेलापन
अकेलापन
आंखें बहुत कुछ कह देती है,
मैं बोलता बहुत कम हूं
तुम बस मेरी आंखें पढ़ना सीख जाओ ना
कल किसने देखा है
आज का पल खुशी से जी लेने दो ना
तुम पास होते हो तो खुशियां
बेवजह मेरे पास आ जाती है
तुम दूर रहते हो तो खुशियां होने के बाद भी
अधूरापन मुझे खा जाता है
फिर ये रुठा रूठी क्यों मुझसे
जब तुम्हें पता है यह मुस्कुराहट ही
मुझे जिंदगी जीने का सुकून देती है
वो लोग बड़े बदनसीब होते हैं
जिन्हें प्यार तोहफे मैं मिल जाता है
शायद मैं गलत हूं
वह लोग बड़े खुशनसीब होते हैं
जिन्हें प्यार तोहफे में मिल जाता है
क्योंकि अकेलापन सहना
हर किसी के बस की बात नहीं

