अज्ञात
अज्ञात
अज्ञात है हम भी अज्ञात हो तुम भी...!
अज्ञात है राहें सारी
अज्ञात सी मंज़िलें भी..!!
अज्ञात है दर्द भी
अज्ञात है आँसू भी...!
अज्ञात है यादें सारी
अज्ञात से फासले भी..!
अज्ञात है शब्द भी
अज्ञात है मुलाकात भी...!
अज्ञात है ख्वाहिशें सारी
अज्ञात सी गजलें भी..!!
अज्ञात है सपने भी
अज्ञात है अपने भी...!
अज्ञात है सांसें सारी
अज्ञात सी जिन्दगी भी..!!
तुम आकर इस अज्ञात
का कलंक मिटा देना...!
अज्ञात से मुक्त करके
मुझे तुम ज्ञात कर लेना..!!