सूरज को जाते हुए देख, इन सब चेहरों पे मुस्कुराहट भी देखी है, सूरज को जाते हुए देख, इन सब चेहरों पे मुस्कुराहट भी देखी है,
एक बार चल के तो देख एक बार चल के तो देख
गिर कर संभल ना सका जो वही अंत होता है। मंजिले उन्हे ही मिलती है जो संभलना जानता है। गिर कर संभल ना सका जो वही अंत होता है। मंजिले उन्हे ही मिलती है जो संभलना जान...
अज्ञात से फासले भी..! अज्ञात है शब्द भी अज्ञात से फासले भी..! अज्ञात है शब्द भी
दूर जाती दिखती मंज़िलें थका सा महसूस होता है दूर जाती दिखती मंज़िलें थका सा महसूस होता है