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Sumit Yadav

Abstract

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Sumit Yadav

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कुछ कर ले

कुछ कर ले

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बैठा क्यों है

कर तु कुछ ऐसा काम

जग में हो तेरा नाम


रास्तो में

जहाँ मिले मुश्किलें

वही है तेरी मंजिलें


फुलों को पाने के लिए

काटों पर चलना पड़ता है

हाँ मुश्किलों से लड़ना पड़ता है


डरता है किस्से

क्या है खोने को

सारा संसार है पाने को


एक बार चल के तो देख

मुश्किलें मुड़ जाएगी

सफलता साथ लाएगी



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