STORYMIRROR

अधिवक्ता संजीव रामपाल मिश्रा

Inspirational

3  

अधिवक्ता संजीव रामपाल मिश्रा

Inspirational

जज़बात

जज़बात

1 min
216

इन्तजार वही करता है जिसमें सब्र होता है।

कामयाब वही होता है जिसमें हश्र होता है.

रास्तों की डगर पर पत्थरों से ठोकर वही खाता है।

जिसकी नजर में आसमां और दिल में जज़बा होता है.

गिर कर संभल ना सका जो वही अंत होता है।

मंजिले उन्हे ही मिलती है जो संभलना जानता है।

पत्थर हीर वही होता है जो तरश कर जाता है।

सफर वही तय करता है जो उम्मीदें पालता है।

इस दुनिया को समझ वही सकता है।

दर्द ए जिंदगी जो जीकर दिखाता है।

हम हमारी चाहत में वही होता है।

याद रखो जो मंजूर ए खुदा होता है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational