अजब सी पहेली
अजब सी पहेली
मेरे रूह रुह में,
दिखे सिर्फ तेरा ही चेहरा।
मेरे आँखों पे छाया,
ना जाने कैसा कोहरा।
खुली हुई मेरी आँखें,
तुझे देखने के लिए तरसें।
बंद पड़ी मेरी आँखें,
तुझे देख के तड़पे।
तूने मेरे दिल में,
कैसा सरगम बहाया है।
मैंने तेरे सिवा,
किसी को ना पाया है।