अजब से ख्यालों में खोये हैं तेरे
अजब से ख्यालों में खोये हैं तेरे
अजब से ख्यालों में खोये हैं तेरे ,
ना चैन है और ना दिल को आराम ,
मत मदहोश करो अपनी बातों से हमे ,
ले ना पायेंगे अपनी जुबां से तेरा नाम।
तेरा सामने आने पर ये दिल मचल सा जाये ,
मेरे होठों पर बेताबी की झलक उभर जाये ,
तू जितना ज्यादा देर तक मुझसे मिलता जाये ,
मेरा तन और मन उतना ही तेरा होता जाये।
कभी मैं तेरे गठीले बदन को निहारूँ ,
तो कभी तेरी नजरों से खुद को बचा लूँ ,
कभी तेरी शरारती बातों से खुद को हँसा लूँ ,
तो कभी मन ही मन तेरी आरती उतारुँ।
तेरे साथ बिताये पल मुझे जीने नहीं देते ,
तेरे ख्यालों को अपने भीतर समेट लेते ,
मैं भागना भी चाहूँ तो भी भाग ना पाऊँ ,
तेरे इश्क के समुन्दर मुझे अपनी ओर लेते।
ये मदहोश बातें दिल~ओ ~दिमाग पर छा जायें ,
जितना भुलाऊँ इनको ये और याद आयें ,
अजब से ख्यालों में सच खोये हैं तेरे ,
क्यूँ नहीं ले लेते चलो अग्नि के संग फेरे ?

