ऐसी है इस जग में नारी।
ऐसी है इस जग में नारी।
ये मत समझो वो दुनिया से है हारी,
जब आती है उसकी बारी,
हो जाती वो सब पर भारी,
ऐसी है इस जग में नारी।
माँ है तो वो सबसे न्यारी ,
बहन है तो वो सबसे प्यारी,
बेटी है तो वो सबकी दुलारी,
पत्नी के रूप में ज़िंदगी सँवारी ,
ऐसी है इस जग में नारी।
छोड़ के खुद की ख़ुशियाँ सारी,
रह जाति है उसकी ख़्वाहिश अधूरी,
दो घर हो के भी होती पराई,
फिर भी है वो सबकी प्यारी,
ऐसी है इस जग में नारी।
