ऐसा बर्ताव
ऐसा बर्ताव
वो जमाने के रस्मों निभाते नहीं
हमें तो मनचाहा भी करने नहीं देते।
अंधकार ऐसा हैं कुछ कह नहीं पाते
प्रकाश ऐसा हैं कि चुप हो नहीं पाते।
इतने कठोर नहीं की रो न सके
बस नयनों से आंसू आने नहीं देते।
रात ऐसी है कि सपने आने नहीं देती
कुछ सपने ऐसे हैं जो चैन से सोने नहीं देते।
उनके लिए कहने में कोई पाबंदी नहीं
हमें तो सही बात भी कहने नहीं देते।
कितनों की प्यार में रुसवा कर दिया
हमें तो मोहब्बत भी करने नहीं देते।