ऐ वतन
ऐ वतन
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ये ज़मीं तुमसे मिली,
ये आसमाँ तुमसे मिला,
ज़िन्दगी तुमसे मिली,
ये कारवाँ तुमसे मिला;
हम तो बस एक बूँद थे,
लहरों से डरते थे कभी,
रास्तों की खाइयों से,
हम सहमते थे कभी;
जाने कैसे जोश इतना,
बाजुओं में आ गया,
रक्त का कण-कण रगों में,
गर्म हो उतरा गया;
अब तो हर एक राह में,
तेरी सफलता चाहिए,
'ऐ वतन' तेरे करम से,
ये जहाँ हमको मिला।