ऐ जिंदगी रहम कर..
ऐ जिंदगी रहम कर..
यूह घुट घुट कर मारना बंद कर
ए ज़िंदगी कुछ तो रहम कर।।
दर्द दर्द और इस दर्द से बेखबर कर
ए ज़िन्दगी इस दर्द पर तो रहम कर।।
उदासी चुप्पी और इस मासूमियत से
तू मुझे दूर कर,
ए ज़िन्दगी इस बोझ से तो मुझे दूर कर।।
झूठी तसलियो से तू मुझे परेशान न कर
ए ज़िन्दगी इस नादान पर तो रहम कर।।
बेवजह हो रही इन बातों से तू मुझे रिहा कर,
ए जिंदगी कुछ तो रहम कर।।