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Krishna Bansal

Abstract

3.9  

Krishna Bansal

Abstract

अहम्

अहम्

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लहर की एकमात्र इच्छा 

समुद्र की तरह 

विशाल बनने की।


लहर को कौन समझाए 

क्यों प्रयत्न कर रही है  

क्यों परेशान हो रही है

इतना ऊंचा ऊंचा उठ कर।


ज़रा नीचे आकर तो देख 

समुद्र में समा कर तो देख 

जैसे ही वह नीचे उतरी 

समुद्र बन गई।



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