अगर प्यार है तुझे तो …..कह तो
अगर प्यार है तुझे तो …..कह तो
अगर प्यार है तुझे तो …..कह तो सही
मर मर के जी लेंगे जिंदगी ,पहले खुल के जी तो सही
बड़े मसरुफ़ रहते हो इन दिनों अपने ख्यालों में
एक ख्याव सामने है ,चश्मा हटा तो सही
बड़ी शिकायत है तुझे ईश्वर से , कहती है हमें मिलाता नहीं
तेरी तक़दीर और हाथ की लकीर भी मैं हूँ ,तु उसके सामने
सर झुका तो सही
अब मुझसे भी शिकायत है कि मैं दिखता नहीं
तु दुनिया से आँखें चुराने लग जायेगी , निगाहों में अपनी
बसा तो सही
पूछती है,हमारे रिश्ते का भविष्य है या नहीं
मैं अपनों को मना लूंगा , तू अपनों को मना तो सही
तु कहती हैं ,खत नहीं भेजा बड़े दिनों से मैंने
कबुतर तेरी छत पर बैठा है, पहरा हटा तो सही।

