अधिकारों के साथ कर्तव्य भी रहे
अधिकारों के साथ कर्तव्य भी रहे
अपनी आजादी अक्षुण्ण रहे,
मिले सभी को अधिकार।
लहराये तिरंगा नील गगन में,
देखे देश का गौरव संसार ।
देखे देश का गौरव संसार,
हार गले में विजेता का हो।
शांति का भविष्य में भारत,
सबसे बड़ा 'हरी' प्रणेता हो ।
वसुधैव कुटुम्बकम का मंत्र ,
सदा देश में मुखरित हो ।
विश्व गुरु था देश हमारा ,
फिर से पद पर विचरित हो।
अधिकारों के साथ साथ हमें,
रहे अपने कर्तव्यों का भी भान।
कर्तव्यों को पूरा किए बिना,
चलेगा न देश का कुछ काम ।
चलेगा न देश का कुछ काम,
शाम कैसे हो यह मत सोचो।
कितना हमने है काम किया,
यह अपने दिल से खुद पूछो।
क्या हमको जितना करना है,
उतना हमने है काम किया ।
क्या सच्चे दिल से हमने भाई,
अपना दिन देश के नाम किया।।
