Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Sonam Kewat

Abstract Classics Thriller

4  

Sonam Kewat

Abstract Classics Thriller

अच्छे रिश्तेlदार

अच्छे रिश्तेlदार

1 min
316


अरे! मुंह पर मीठी बातें करते,

पर पेट पर चाकू छुरा चलाते हैं।

आपके करीबी में नाम हैं इनके 

जो आपके रिश्तेदार कहलाते हैं 


अगर आप अच्छा कर रहे हो तो,

समझों इनको बड़ा खल रहा है। 

आपको नहीं पता तो इनसे पूछना,

आपकी जिंदगी में क्या चल रहा है।


चलें आते हैं मुंह उठाकर अक्सर,

बस हमारी बुराइयां इनको दिखती है।

बात आ जाए खुद के लोगों पर तो,

सच बातें भी इनको चुभती है।


ऐसे रहो, वैसा करो, ये बोलो, वो मत करो,

हमारी जिंदगी को गुलाम कर रखा है।

अकल घुटनों में लगती है शायद,

समझदारी को नीलाम कर रखा है।


सोचतीं हूं! कहां गया वह जमाना,

जब रिश्तेदार मेहमान हुआ करते थे।

हम संस्कृति भी कुछ ऐसी कि,

हम उन्हे भगवान का रूप कहते थे।


चलो जाने दो,

जियो और जीने दो का सार देखें,

और खुद पर ध्यान देते हैं। 

उन्हें नहीं सुधार सकते तो क्या,

हम खुद अच्छे रिश्तेदार बन लेते हैं।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract