"अबोध बच्चें क्राइम्स"
"अबोध बच्चें क्राइम्स"
आज तक गांवों केअबोध बच्चें शहरों से
कमोबेश क्राइम्स में कम शामिल होते थे।
आज़ कल भारतीय ग्रामिण क्षेत्रों मेंअबोध बच्चे
क्राइम्स मेंअत्यधिक शामिल हो रहे हैं।
इसका एकमात्र कारण गांवों-कस्बों में नशे कि बढती प्रवृति रही है।
अबोध बच्चे मादक पदार्थ स्मैक कोकिन चरस गांजा हिरोइन जैसे ख़तरनाक ड्ग्स के आदी हो चुके हैं।
इसलिए गांवों में दिनोंदिनअपराध बढ़ रहे हैं।
इसे रोकने के पुख्ता इंतजाम किए जाएं।
यहअबोध बच्चों का भविष्य चौपट कर रहा हैं।
सरकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता बच्चों के भविष्य
को संवारने के लिए गांवों शहरों में नशे कि बढ़ती प्रवृत्ति परअंकुश लगाने के सयुक्त प्रयास करें।
हमेंअबोध बच्चों कि क्राइम्स प्रवृति को समय रहते रोकना बहुत जरूरी है।
अन्यथा यह देश के होनहार सभी युवाओं का भविष्य चौपट करके रख देेेगा।
जबकि युवा पीढ़ी ही तो देश कि कर्णधार हैं।
देश के विकास में युवाओं के योगदान कि जरूरत हैं।
देश का विकास युवाओं के भरोसे हैं।
इसलिए देश के युवाओं को उचित शिक्षा चिकित्सा स्वास्थ्य रोजगार प्राथमिकता से दियें जाने कि महती आवश्यकता हैं।
तभी देश मेंं बढते नशे कि प्रवृति पर रोक लग सकेगीं।
