अभिनंदन है माता तुमको
अभिनंदन है माता तुमको
अभिनंदन! हे माता तुमको,
जो तूने मुझ पर ये कर्म किया।
मुझे धरा पर लाने की खातिर,
तूने भी तो दूजा जन्म लिया।।
अभिनंदन! हे माता तुमको
नौ महीने गर्भ में रखकर,
अपने खून माँस से सींच दिया।
खुद असहनीय पीड़ा सहकर भी,
मेरे हर दुःख दर्द को कम किया।।
अभिनंदन ! हे माता तुमको
पहली किलकारी जब मैंने मारी,
तो तुमने चैन की सांस ली।
तुमने मुझे जन्म देने की खातिर,
असीमित दर्द और गम लिया।।
अभिनंदन ! हे माता तुमको
छोटा था जब मैं सोता था'
<p>बिस्तर "ठंडा" करता था।
खुद "ठंडे" में सोती थी तुम,
पर मेरा हिस्सा "गरम" किया।।
अभिनंदन ! हे माता तुमको
लगी कभी जब ठोकर मुझको,
तो दर्द हमेशा तुमको होता था।।
जब भी कभी परेशान हुआ था मैं,
सदा अपनी ममता का करम किया।।
अभिनंदन ! हे माता तुमको
तुमने मुझको जन्म दिया,
पालन पोषण कर बड़ा किया।
अपने अहसानो के आगे तुमने,
भगवान का कद भी कम किया।।
अभिनंदन ! हे माता तुमको,
जो तूने मुझे पर ये कर्म किया।
मुझे धरा पर लाने की खातिर,
तूने भी तो दूजा जन्म लिया।।