अभी मंजिल बाकी है
अभी मंजिल बाकी है
अभी सांस बाकी है
अभी आस बाकी है
चलता चल तू साखी,
अभी मंजिल बाकी है
अभी चला चंद कदम,
अभी फ़लक बाकी है
कुछ शूलों से क्या डर,
कुछ फूलो से क्या घर,
अभी पूरा बाग बाकी है
अभी मंजिल बाकी है
कुछ ख़्वाब पूरे हुए,
पर आंसू मोती न हुए,
अभी तेरी प्यास बाकी है
जिसमे दरिया की माटी है
तुझे चढ़ना माउंट एवरेस्ट,
अभी तेरा निशाँ बाकी है
जिस्म तेरा भले मर जाये,
तेरी रोशनी सदा रह जाये,
बन जा वो दीपक साखी,
जो चमके सूर्य की भांति है
अभी मंजिल बाकी है
सितारों को छूना बाकी है।