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Vijay Kumar parashar "साखी"

Tragedy

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Vijay Kumar parashar "साखी"

Tragedy

अब कोई

अब कोई

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साथ नहीं देता है,अब कोई

पैसा नहीं देता है,अब कोई।

जब से हम कंगाल क्या हुए

रास्ता भी नहीं देता है,अब कोई

गरीब पैदा होना दोस्त गुनाह नहीं है,

गरीब मर जाना सबसे बड़ा गुनाह है

गरीब को साथ तो छोड़, दोस्त

कन्धा भी नहीं देता है अब कोई।



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