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Yash Mehta

Comedy Fantasy

4  

Yash Mehta

Comedy Fantasy

अब भांग नहीं खायेंगे

अब भांग नहीं खायेंगे

2 mins
220


इक दिन हमको ऐसी खुमारी छायी

जब हमने भांग की गोली खायी

भूले खुद को और भूले अपनी लुगाई

घर जब पहुँचे तो खूब हुई कुटाई

यूँ तो हम बड़े भोले भाले हैं


नई दिल्ली के रहने वाले हैं

अपनी बीवी की पूजा करते हैं

उसकी आवाज़ से भी डरते हैं

थोड़ी सी बदमाशी फिर भी करते हैं

कभी कभी बाहर की घाँस चरते हैं


चरित्र हमारा थोड़ा सा ढीला हैं

और अंदाज़ हल्का सा रसीला हैं

उस दिन मौसम बड़ा रंगीन था

दिल किसी की याद में गमगीन था

हमने भांग की गोली मंगवाई


ले भोले का नाम अंदर टपकाई

दो घंटे हमको कुछ भी नहीं हुआ भाई

फिर एकदम से भांग ने सर पर करी चढ़ाई

कभी हँसते थे कभी घबराते थे

फालतू में ही बोले चले जाते थे


दिल की धड़कन सुरसा सी बढ़ी जाती थी

सामने बीवी गदा लिए नजर आती थी

काफी मजे भी आ रहे थे

पैर से हम सर खुजा रहे थे

मन हुआ अब दरियागंज जायेंगे


सुलेमान की मच्छी खायेंगे

फिर यूँ लगा जैसे हाथ गायब हो गए

अजब से गजब हम अजयाब हो गए

अब तो हयो रब्बा हयो रब्बा चिल्लाने लगे

हर जगह हमको भूत नजर आने लगे


सड़कें उल्टी हो गयी थी

गाड़ियां पुल्टी हो गयी थी

मोबाइल फोन हमने निकाला

न जाने किसको कुत्ता कमीना बक डाला

अबे यार मेरा क्या कसूर हैं

तेरा कसूर कि तु हमारा ससुर हैं

अपनी अग्नि मिसाइल आपने मुझ पर छोड़ दी


मेरी अच्छी भली जिंदगी नर्क की तरफ मोड़ दी

कभी तो समझो मुझे कितना दर्द हैं

ससुर बोले, बेटा हम भी मुसीबत के मारे मर्द हैं

बेटा तुम क्यों इतना घबराते हो

क्या मेरी बेटी को शॉपिंग नहीं कराते हों


हम तो बस चावल की फटी बोरी से बिखर गए

क्रेडिट कार्ड हमारे सारे बीवी की भेंट चड़ गए

वो बोले, बेटा अब घर को जाओ

दाल रोटी खाओ, चुपचाप सो जाओ

बीवी की गुलामी हर पति का धर्म हैं

शॉपिंग के बिल भरना हम सबका कर्म हैं


जब हम घर पहुँचे तो बीवी दरवाजे पर खड़ी थी

समझ गए हम, अब मुसीबत आन पड़ी थी

पर बीवी ने हमको दिया बड़ा प्यार

अरे ये अपना ही घर हैं न यार

सुबह जब उतरी भांग


बीवी के व्यवहार से हम थे हैरान

बीवी बोली आप कल देर से आये

और मेरे लिए आई फोन लाये

कल मुझ पर इतना प्यार कैसे आ गया

मुझे लगा जैसे मेरा पति भांग खा गया


हमको कुछ याद ना आता था

कैसे हुआ ये सब समझ नहीं आता था

फिर हम पहुँचे उस दुकान पर

दुकानदार ने स्वागत किया पहचान कर

हमने पूछा क्या कल हम आये थे


अजी साहब, आप तो बहुत शरमाए थे

अपनी गर्ल फ्रेंड के लिए अपने आई फोन लिया

एकमुश्त अपने एक लाख रुपया कैश दिया

फिर हमको समझ आया

कि हमने खीचड़ा पकाया


चलो बीवी ने आई फोन पाया

लौट के बुद्धु घर को आया

फिर कसम खाई अब भांग नहीं खायेंगे

और खा भी ली तो क्रेडिट डेबिट कार्ड नहीं चलायेंगे।


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