अब भांग नहीं खायेंगे
अब भांग नहीं खायेंगे
इक दिन हमको ऐसी खुमारी छायी
जब हमने भांग की गोली खायी
भूले खुद को और भूले अपनी लुगाई
घर जब पहुँचे तो खूब हुई कुटाई
यूँ तो हम बड़े भोले भाले हैं
नई दिल्ली के रहने वाले हैं
अपनी बीवी की पूजा करते हैं
उसकी आवाज़ से भी डरते हैं
थोड़ी सी बदमाशी फिर भी करते हैं
कभी कभी बाहर की घाँस चरते हैं
चरित्र हमारा थोड़ा सा ढीला हैं
और अंदाज़ हल्का सा रसीला हैं
उस दिन मौसम बड़ा रंगीन था
दिल किसी की याद में गमगीन था
हमने भांग की गोली मंगवाई
ले भोले का नाम अंदर टपकाई
दो घंटे हमको कुछ भी नहीं हुआ भाई
फिर एकदम से भांग ने सर पर करी चढ़ाई
कभी हँसते थे कभी घबराते थे
फालतू में ही बोले चले जाते थे
दिल की धड़कन सुरसा सी बढ़ी जाती थी
सामने बीवी गदा लिए नजर आती थी
काफी मजे भी आ रहे थे
पैर से हम सर खुजा रहे थे
मन हुआ अब दरियागंज जायेंगे
सुलेमान की मच्छी खायेंगे
फिर यूँ लगा जैसे हाथ गायब हो गए
अजब से गजब हम अजयाब हो गए
अब तो हयो रब्बा हयो रब्बा चिल्लाने लगे
हर जगह हमको भूत नजर आने लगे
सड़कें उल्टी हो गयी थी
गाड़ियां पुल्टी हो गयी थी
मोबाइल फोन हमने निकाला
न जाने किसको कुत्ता कमीना बक डाला
अबे यार मेरा क्या कसूर हैं
तेरा कसूर कि तु हमारा ससुर हैं
अपनी अग्नि मिसाइल आपने मुझ पर छोड़ दी
मेरी अच्छी भली जिंदगी नर्क की तरफ मोड़ दी
कभी तो समझो मुझे कितना दर्द हैं
ससुर बोले, बेटा हम भी मुसीबत के मारे मर्द हैं
बेटा तुम क्यों इतना घबराते हो
क्या मेरी बेटी को शॉपिंग नहीं कराते हों
हम तो बस चावल की फटी बोरी से बिखर गए
क्रेडिट कार्ड हमारे सारे बीवी की भेंट चड़ गए
वो बोले, बेटा अब घर को जाओ
दाल रोटी खाओ, चुपचाप सो जाओ
बीवी की गुलामी हर पति का धर्म हैं
शॉपिंग के बिल भरना हम सबका कर्म हैं
जब हम घर पहुँचे तो बीवी दरवाजे पर खड़ी थी
समझ गए हम, अब मुसीबत आन पड़ी थी
पर बीवी ने हमको दिया बड़ा प्यार
अरे ये अपना ही घर हैं न यार
सुबह जब उतरी भांग
बीवी के व्यवहार से हम थे हैरान
बीवी बोली आप कल देर से आये
और मेरे लिए आई फोन लाये
कल मुझ पर इतना प्यार कैसे आ गया
मुझे लगा जैसे मेरा पति भांग खा गया
हमको कुछ याद ना आता था
कैसे हुआ ये सब समझ नहीं आता था
फिर हम पहुँचे उस दुकान पर
दुकानदार ने स्वागत किया पहचान कर
हमने पूछा क्या कल हम आये थे
अजी साहब, आप तो बहुत शरमाए थे
अपनी गर्ल फ्रेंड के लिए अपने आई फोन लिया
एकमुश्त अपने एक लाख रुपया कैश दिया
फिर हमको समझ आया
कि हमने खीचड़ा पकाया
चलो बीवी ने आई फोन पाया
लौट के बुद्धु घर को आया
फिर कसम खाई अब भांग नहीं खायेंगे
और खा भी ली तो क्रेडिट डेबिट कार्ड नहीं चलायेंगे।