आया नया विहान
आया नया विहान
बदली है तस्वीर देश की, अब आया नया विहान।
जागे और जगाएँ सबको, चलो बढ़ाएँ माँ का मान।
नील गगन में झूमे तिरंगा, दुनिया में गूँजे राष्ट्रगान।
भारत की मिट्टी चंदन है, गहना इसका स्वाभिमान।
सोने की चिड़िया कहलाती, हम भारत की संतान।
बदली है तस्वीर देश की, अब आया नया विहान।
दुनिया ने माना लोहा इसका, करते सब गुणगान।
शत्रु भागा डरकर पीछे, बढ़ाता हौसला नव विज्ञान।
साधु संतों की पावन भूमि, जन्म लिए कई वीर महान।
प्रकृति की यहाँ पूजा होती, विद्या का करते जहाँ दान।
बदली है तस्वीर देश की, अब आया नया विहान।
स्वच्छता की राह पे चलके, बनाएँ सुंदर हिंदुस्तान।
अनमोल रतन से भरी ये धरती, सुखी रहे किसान।
संकल्पों से मिलती मंज़िल, मेहनत से न डरे जवान।
विश्वगुरु के पद पर शोभित, ऐसा मेरा देश महान।
बदली है तस्वीर देश की, अब आया नया विहान।
एक माला से मोती हम सब, ये भारत की पहचान।
न भूले कर्तव्य अपना, नारियों को दे दिल से सम्मान।
बेटियों के पैदा होने पर भी, घर घर गूँजे मंगल गान।
सुराज का सपना साकार करें, हो देश पर अभिमान।
बदली है तस्वीर देश की, अब आया नया विहान।
सबकी निगाहें मेरे देश पर, रहो भाईयों सावधान।
अब पहन लो केशरिया बाना, छोड़ो मुरली की तान।
उन्नत है माथा माँ का, नहीं सुनेंगे हम कोई फरमान।
देश सदा आजाद रहेगा, व्यर्थ नहीं जाएगा बलिदान।
बदली है तस्वीर देश की, अब आया नया विहान।
