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Ritesh Maurya

Inspirational

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Ritesh Maurya

Inspirational

आवाह्न मनुष्य से

आवाह्न मनुष्य से

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ए अंजान मनुष्य,

क्या तू अभी भी है,

अज्ञान उस ज्ञान से,

तू परिचित नहीं हैं क्या,


आने वाले उस काल से,

न जाने अपने स्वार्थ के लिए,

क्यों काट रहा तू, कानन अपार,

क्यों तू बिगड़ रहा प्रकृति के विधान,

       

ए मनुष्य आवाह्न है एक तुझसे,

कि तू है जिस ज्ञान से अनजान,

उससे आएगा एक दिन ऐसा काल,

फिर इस धरा पर न होंगी,

किसी प्राणी की साँस।।


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