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Kavita Sharrma

Inspirational Others

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Kavita Sharrma

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आत्मसम्मान

आत्मसम्मान

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बढ़ते अत्याचार अब सहना नहीं आवाम

सब करें बगावत मिलकर नहीं सहेंगे अत्याचार


सबको मिले समान हक आगे बढ़ने का

जुर्म है अब अकारण अत्याचार सहने का


डट कर खड़े रहो ज़ुल्म के खिलाफ

तभी मिलेगा सबको समान अधिकार


अपने लिए संघर्षरत खुद ही होना पड़ता है

तभी तो जग में सम्मान मिलता है।


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