आत्मज्ञान की यात्रा[[ भाग-4]]
आत्मज्ञान की यात्रा[[ भाग-4]]
इन्द्रियाणि पराण्याहु
इन्द्रियेभ्यः परं मनः
मनसस्तः परा बुद्धिः
बुद्धेः परतस्तु सः
यदि हमें आत्मज्ञान की
तरफ प्रस्थान करना है
तो इंद्रियों के कुचक्र से
निकलकर मन को
जितकर बुद्धि को
शुद्ध करके ही आत्मा की
झलक प्राप्त होगी....
इंद्रियां मन बुद्धि पर विजय
दृढ़ निश्चय वैराग्य व
सतत अभ्यास से मिलेगी....
मुश्किल नहीं है पर
शर्त यह है कि आपकी
नियत साफ होनी चाहिए..!!
ॐ नमो नारायण
