आत्महत्या
आत्महत्या
ये वह शब्द है।
जिसे सुनते ही,
लोगों की रूह कांपती है।
यह मानव का वो क्षण है।
जहां बचना हर कोई चाहता है।
मगर.......
बच नहीं पाता है।
मनुष्य यह कदम तब उठाता है।
जब वो अपनो - परायों से हारता है।
और.....
उनसे हारते ही वह खुद से हारता है।
तथा.....
अपने आप को इस मोह रूपि
दुनिया से अलग कर लेना चाहता है।
आत्महत्या.......
करना कायरों का काम नहीं,
नहीं पर इसे करने के बाद,
भले उसे ये दुनिया वाले कायर कह दे।
परन्तु........
मैं इसे कायरता का नाम नहीं दुंगा।