आरक्षण
आरक्षण
दांव पर सब कुछ लगा है
रुक नहीं सकता
तोड़ सकते हो तो तोड़ दो
मगर झुक नहीं सकता
प्रतिभा का संघर्ष सत्ता से
अब रुक नहीं सकता
न्याय का संघर्ष निरंकुशता से
अब झुक नहीं सकता
आरक्षण पर आरक्षण की पराकाष्ठा..
प्रतिभाशाली वर्ग सह नहीं सकता .
अभिमान रावण का भी
टूटा है इसी धरा पर ...
सत्ता का लोलुप
अब बच नहीं सकता.
आरक्षण की बैसाखी पर
यह देश.....
अब चल नहीं सकता.
हम स्वयंभू हैं जाकर
सम्राट को खबर कर दो.....
समय रहते आरक्षण को
अब तुम खत्म कर दो.
अंधेरे को दी चुनौती
है स्वयं दिनकर ने..
संभल जाओ धरा छोड़ो
प्रतिभाओं से अब मुंह ना मोड़ो।